ग्रीन टी का कड़वा सच
प्लास्टिक के कारण आपकी चाय के कप को भी प्रदूषित कर रहे हैं | वैज्ञानिकों ने इस बात की चेतावनी दी है कि बैग में मौजूद प्लास्टिक के सैकड़ों सूक्ष्म कण में घूम रहे हैं और इसके जरिए शरीर में प्रवेश कर रहे हैं | टीम को पारंपरिक पेपर की जगह प्लास्टिक से बनाया जा रहा है | और यह बेहद आम हो गया है टीम में मौजूद या पार्टिकल माइक्रो नैनो कार के होते हैं और इंसानी बालों से भी 750गुणा छोटे होते हैं | शोधकर्ताओं ने पाया कि टी बैग में मौजूद प्लास्टिक की वजह से पानी में मौजूद जीवाणु आसान तरीके से पनपते हैं ,हालांकि माइक्रोप्लास्टिक्स इंसान के स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में खास जानकारी नहीं है यह नैनो प्लास्टिक के कई तरह के वातावरण में पाए गए हैं |
कैसे किया शोध ?कनाडा की यूनिवर्सिटी की रसायन इंजीनियर का फीस और दुकानों से खरीदे और उनका विश्लेषण किया हार चाय पत्ती निकाल लिया और खा लिया फिर खाली बनाने की प्रक्रिया में उपयोग किया और 95 डिग्री के गर्म पानी में स्कोर 5 मिनट तक डाला गया इसके बाद इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की मदद से कप में मौजूद चीजों को देखा गया | शोधकर्ताओं के अनुसार गर्म पानी मैं डालने से 11. 6 बिलियन माइक्रोप्लास्टिक पाया गया 3.1 बिलियन नैनो प्लास्टिक निकलते हैं ,या प्लास्टिक के खाद पदार्थ में मौजूद प्लास्टिक से 3 गुना ज्यादा है सूक्ष्म प्लास्टिक के नमूनों का विश्लेषण करने से पता चला है कि टी बैग टी निकलने वाले प्लास्टिक की है और पॉलिथीन से बनाया जाता है| शोधकर्ताओं ने मौजूद प्लास्टिक के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है|